इजरायल ने अल जजीरा न्यूज चैनल को क्यों दी घुड़की, जानें...
इजरायल में कतर से संचालित अल जजीरा चैनल कई तरह के गंभीर आरोपों के घेरे में है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘आतंकी चैनल’ का तमगा भी दे दिया है.
अल जजीरा पर अक्टूबर 2023 से फिलिस्तीन स्थित आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध को भड़काने जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं.
आरोपों पर अल जजीरा ने कहा कि वह उकसावे वाले, अपमानजनक और इन झूठे आरोपों के चलते दुनिया भर में अपने कर्मचारियों और नेटवर्क परिसरों की सुरक्षा खतरे में होने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री को जिम्मेदार मानता है.
कतर लगभग छह महीने से चल रहे युद्ध को लेकर इजरायल और हमास के बीच जारी बातचीत में मध्यस्थता कर रहा है. कतर में ही अल जजीरा का मुख्यालय है.
युद्ध तब शुरू हुआ जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास आतंकियों ने दक्षिणी इजरायल पर हमला कर उसके 253 नागरिकों को बंधक बना लिया था. हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे.
हमास द्वारा बंधक बनाए गए 253 लोगों में कुछ लोगों को बाद में छोड़ दिया गया, लेकिन लगभग 130 बंधक अभी भी हमास की कैद में हैं. इनमें से कम से कम 34 को मृत मान लिया गया है.
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल के सैन्य अभियान से गाजा में 32,800 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए हैं और लगभग 75,000 लोग घायल हुए हैं.
बहरहाल इजरायल ने एक कानून को मंजूरी दे दी है, जो सरकार को अल जजीरा सहित अन्य टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति देता है.
यह प्रतिबंध एक बार में 45 दिनों की अवधि के लिए रहेगा, जिसे नवीनीकृत किया जा सकता है. यह कानून जुलाई तक या गाजा में जारी युद्ध के समाप्त होने तक लागू रहेगा.