इसे कहा जाता है देश की सबसे खतरनाक जेल, जहां जाने से डरते हैं खूंखार अपराधी

भारत की सबसे खतरनाक जेलों में से एक है अंडमान और निकोबार स्थित सेल्यूलर जेल, जिसे काला पानी की जेल कहा जाता है.

यह जेल पोर्ट ब्लेयर में स्थित है और इतिहास में एक कुख्यात (infamous) स्थान है. यह जेल अंग्रेजों द्वारा 1896 में बनवानी शुरू की गई थी और 1906 में पूरी तरह तैयार हो गई थी.

इसे काला पानी की सजा के रूप में जाना जाता था क्योंकि यह समुद्र के बीचों-बीच स्थित थी, इसके चारों ओर समुद्र है.

यह जेल स्वतंत्रता संग्राम के समय में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के लिए खतरनाक स्थान था.

अंग्रेजों ने इस जेल में कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों को बंदी बना लिया था ताकि वे स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा न ले सकें.

काला पानी की जेल में कैदियों पर अत्याचार किए जाते थे और यहां से भागने का कोई रास्ता नहीं था.

विनायक दामोदर सावरकर को भी 1909 में काला पानी की सजा दी गई थी. इस जेल का नाम काला पानी इसलिए पड़ा क्योंकि इसने भागने की कोई संभावना नहीं छोड़ी थी.

यहां के कठोर नियम और अत्याचारों के कारण इसे देश की सबसे खतरनाक जेल माना जाता है.

यह जेल स्वतंत्रता संग्राम की काली यादों का प्रतीक बन गई है और आज भी यह स्थान इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है.