जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Mandir) ओडिशा राज्य के समुद्र तटीय शहर पुरी में स्थित है, जो भगवान जगन्नाथ, यानि श्रीकृष्ण को समर्पित है.

चार धामों में से एक जगन्नाथ मंदिर अपनी अद्भुत मान्यताओं और रहस्यों के लिए जाना जाता है. 

आपको बता दें आज भी इस मंदिर में ऐसे कई चमत्कार होते हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं मिलता है.

ऐसा ही एक रहस्य है इस मंदिर की सीढ़ियों को लेकर जिनके बारे में बहुत कम लोग की जानते होंगे.

धार्मिक ग्रंथों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ माना गया है, क्योंकि यहां भगवान विष्णु के अवतार, श्री कृष्ण, अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. 

जगन्नाथ पुरी मंदिर में कुल 22 सीढ़ियां हैं, लेकिन तीसरी सीढ़ी पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस तीसरी सीढ़ी पर पैर रखना मना माना जाता है. 

जगन्नाथ मंदिर पर तीसरी सीढ़ी पर पैर रखना क्यों है मना, आइए जानते हैं ऐसी मान्यता के पीछे क्या वजह है? 

धार्मिक विश्वासों के अनुसार, जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते समय 22 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, और तीसरी सीढ़ी को यमशिला कहा गया है.

इस सीढ़ी पर पैर रखने वाले व्यक्ति को यमलोक जाना पड़ता है. मंदिर में दर्शन के बाद लौटते समय भी इस तीसरी सीढ़ी पर पैर रखना वर्जित है, 

ऐसा करने से व्यक्ति के सारे पुण्य समाप्त हो जाते हैं और उसे यमलोक की प्राप्ति होती है. भक्तों को इस गलती से बचाने के लिए तीसरी सीढ़ी का रंग काला कर दिया गया है.