नुसरवानजी टाटा (1822-1886)- टाटा वंश की शुरुआत इन्हीं से होती है. वो पारसी पुजारी थे. टाटा परिवार उन्ही के माध्यम से बिजनेस में कदम रखा और उसके बाद कारवां आगे बढ़ता चला गया.
जमशेदजी टाटा (Jamshedji Tata)- नुसरवानजी टाटा के बटे जमशेदजी टाटा ने टाटा ग्रुप की स्थापना की थी. गुजरात के नवसारी के रहने वाले जमशेदजी की किस्मत मुंबई आकर खुली. साल 1868 में उन्होंने 21 हजार रुपये से ट्रेडिंग कंपनी के रूप में टाटा ग्रुप की नींव रखी थी.
रतनजी टाटा (Ratanji Tata)- रतन जी टाटा जमशेदजी टाटा के छोटे बेटे और दोराबजी टाटा के छोटे भाई थे. इन्होंने टाटा ग्रुप के बिजनेस को आगे बढ़ाने में काफी योगदान दिया. इन्होंने टेस्टटाइल उद्योग में टाटा ग्रुप को एक अलग पहचान दिलाई.
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (JRD Tata) (1904-1993)- रतनजी टाटा के बेटे थे. ये भारत के पहले कॉमर्शियल पायलट बने. वह साल 1938 से 1991 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. इन्होंने टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी. बाद में ये एयर इंडिया बन गई.
रतन नवल टाटा (Ratan Naval Tata) (1937-2024)- रतन टाटा का जन्म साल 1937 में मुंबई में हुआ था. ये जमशेदजी टाटा के परपोते थे. रतन टाटा साल 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे. वह अक्तूबर 2016 से फरवरी 2017 तक इंटरिम चेयरमैन भी रहे. इसके साथ ही 2017 से टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे.
नोएल टाटा (Noel Tata)- नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. ये टाटा इंटरनेशनल के अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में भी शामिल हैं.