भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. सबसे व्यस्त रेल नेटवर्क होने के कारण कई बार यहां पर ट्रेन दुर्घटनाएं भी होती हैं.  

लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुलेट ट्रेन सबसे सुरक्षित ट्रेनों में एक है. आखिर ऐसा क्यों है, आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.

जापान में बुलेट ट्रेन को चलते 50 साल से ज्यादा हो गया है. 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने के बावजूद जापान की रेलगाड़ियां अविश्वसनीय रूप से सुरक्षित हैं. 

स्पीड के मामले में सबसे तेज होने के बावजूद जापान की रेलगाड़ियां बेहद सुरक्षित हैं. लगभग 50 वर्षों की निरंतर सेवा में कोई यात्री दुर्घटना नहीं हुई है. 

इसके अलावा शिनकानसेन ट्रेनों में भूकंप के लिए विशेष ऑटोमैटिक एयर ब्रेक की सुविधा भी है, क्योंकि जापान में भूकंप ज्यादा आता है. 

515 किलोमीटर लंबी टोकेडो-शिनकानसेन दुनिया की सबसे व्यस्त हाई-स्पीड रेल लाइन है. जिसमें 1964 में टोक्यो ओलंपिक उद्घाटन से लेकर 2010 तक 4.9 बिलियन यात्रियों ने यात्रा की है. 

एक अनुमान के मुताबिक प्रति दिन 64 मिलियन लोग यहां ट्रेनों में चलते है. यह दुनिया में किसी और देश की तुलना में सर्वाधिक संख्या है. 

सबसे तेज ट्रेन का विश्व रिकॉर्ड जापानी L0 सीरीज मैग्लेव के नाम है, जिसकी स्पीड रिकॉर्ड 374 मील प्रति घंटे या 602 किमी/घंटा है. हालांकि यह एक विशेष ट्रेन है, जिसे रिकॉर्ड तोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है. 

बता दें कि दुनिया के 51 सबसे व्यस्त ट्रेन स्टेशनों में से 45 जापान में हैं. सबसे बड़ा और व्यस्त स्टेशन टोक्यो में शिंजुकु स्टेशन है, जहां से हर दिन 3.6 मिलियन ट्रेन यात्री गुजरते हैं. 

भारत का पहला हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद के बीच बन रहा है. जानकारी के मुताबिक भारत में बुलेट ट्रेन चलने का सपना 2026 तक पूरा हो सकता है.