सिंधिया राज घराने (Scindia Family) के महाराजा जयाजी राव सिंधिया (Jayajirao Scindia) का जन्म 19 जनवरी 1835 को हुआ था.
महाराजा जयाजी राव को एक तरीके से सिंधिया रियासत को आधुनिक बनाने का श्रेय दिया जाता है.
उन्होंने अपनी रियासत में कर संग्रह का एक नया तरीका विकसित किया. साथ ही अपनी रियासत में कोर्ट की स्थापना की.
जयाजी राव ने अपने कार्यकाल में जो सबसे महत्वपूर्ण काम किया, वह था आगरा से लेकर ग्वालियर तक रेलवे लाइन का निर्माण किया था.
जानकारी के मुताबिक जयाजी राव सिंधिया ने आगरा ग्वालियर रेलवे लाइन के निर्माण के लिए साल 1872 में 75 लाख रुपए दिए थे, जो उसे वक्त बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी.
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रशीद किदवई अपनी किताब ‘हाउस ऑफ़ सिंधिया’ (House of Scindia) में लिखा था कि जयाजी राव सिंधिया बहुत प्रगतिशील शासक थे.
उन्होंने साल 1872 में आगरा से लेकर ग्वालियर तक और फिर ग्वालियर से शिवपुरी तक रेलवे लाइन बिछाने के लिए पैसा दिया.
ऐसे कहा जाता था कि जब रेलवे लाइन तैयार हो गई तो महाराजा जयाजीराव खुद ग्वालियर से शशेरा तक करीब 18 किलोमीटर स्टीम इंजन चला कर गए थे.
जयाजी राव सिंधिया ही वो शख़्स थे, जिन्होंने जय विलास पैलेस का निर्माण करवाया, जिसे आज भारत के सबसे आलीशान महल में से एक कहा जाता है.
ऐसा माना जाता है की उस जमाने में सिंधिया ने कर्नल सर माइकल फेलोस से जय विलास का डिजाइन तैयार करवाया था, जो बहुत नामी आर्किटेक्ट थे.
महाराजा जयाजीराव सिंधिया के पास अकूत-धन दौलत थी और उन्हें अपना खजाना जगह-जगह छुपाने की आदत थी.
ग्वालियर किले के अंदर कई ऐसे सीक्रेट चैंबर थे, जिसमें उन्होंने अपना खजाना छुपा रखा था. यह सीक्रेट चैंबर एक खास कोड से खुलते थे. जिसे ”बीजक” कहा जाता था.