इस चांदी से बने जेवर नहीं पड़ते काले, ऐसे करें इसकी पहचान...
‘ये जो तेरी पायलों की छन-छन है’….’ ये वो रोमांटिक गाना हैं जिनमें पायलों की झनकार को लेकर कसीदे कड़े गए हैं.
अब चाहें पायल हो या करधनी… ये सभी जेवर ऐसे हैं जो हमेशा से चांदी के बनते आए हैं.
राशियों के हिसाब से भी गहने बनवाने में चांदी की अहमियत है. लेकिन अक्सर लोग चांदी के गहने सिर्फ इसलिए नहीं पहनते. क्योंकि ये समय के साथ काली पड़ जाती है.
तो क्या इसका कोई तोड़ है या ऐसी चांदी है जो कभी काली नहीं पड़ती. तो चलिए बताते हैं इसके बारे में…
ऐसी चांदी आती है जो कभी काली नहीं पड़ती. इस चांदी से बने गहने हमेशा चमकते रहते हैं, काले तो पड़ते ही नहीं.
जिस तरह से 24 कैरेट के सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है, उसी तरह सबसे शुद्ध चांदी 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाली होती है.
लेकिन इन दोनों से ही गहने नहीं बन सकते, क्योंकि गहने बनाने के लिहाज से ये दोनों धातु काफी नरम होती हैं.
सोने में तांबा और चांदी में तांबा या निकल जैसी धातुओं का मिश्रण किया जाता है, ताकि ये गहने बनाने में इस्तेमाल की जा सकें.
जेवर बनाने के लिहाज से सबसे शुद्ध चांदी 925 शुद्धता वाली होती है. इसमें बाकी हिस्सा अन्य धातु का होता है.
इसे पहचानने का तरीका भी साफ है, जब भी आप मार्केट में चांदी के गहने खरीदने जाएं, तो उस पर गोल्ड के हॉलमार्क जैसा ही 925 लिखा देखने को मिलेगा. ये उसकी शुद्धता की पहचान होती है.
जब इसी 925 शुद्धता वाली चांदी के गहनों पर रोडियम का पानी चढ़ा दिया जाता है, तो ये स्टर्लिंग सिल्वर को हवा के संपर्क में आने से बचाता है, जिसकी वजह से इसका कलर कभी नहीं बदलता.