हिंदू धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा का बेहद खास महत्व है. कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है.
कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है, जिसपर चीन का इस समय कब्जा है. आपको बता दें कैलाश मानसरोव यात्रा पर जाने के लिए कुछ नियम और शर्तें हैं.
मानसरोवर पहाड़ों के करीब दो झील हैं. पहली- कैलाश मानसरोवर और दूसरी- राक्षस झील या राक्षस ताल (Rakshastal).
पुराणों और तमाम ग्रंथों में मानसरोवर झील को भगवान ब्रह्मा के मन से उत्पन्न बताया गया है. तो दूसरी तरफ राक्षस झील उतनी ही रहस्यमय है.
तिब्बत में कैलाश मानसरोवर के पास स्थित 'राक्षस ताल' के पानी में टूरिस्ट को नहाने की मनाही है.
तिब्बती मानते हैं कि 'राक्षस ताल' का पानी 'शापित' है और इसे छूने से नुकसान हो सकता है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि राक्षस ताल के पानी में कुछ प्राकृतिक गैसें मिली हुई हैं जो इसे ज़हरीला बनाती हैं.
वहीं, स्थानीय लोग दावा करते हैं कि हर कुछ महीने में पानी का रंग बदल जाता है. राक्षस ताल, कैलाश पर्वत पश्चिम में करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
मान्यताओं के मुताबिक यह वही स्थान है, जहां राक्षस राजा रावण ने भगवान शिव की तपस्या की और उनकी आराधना की थी.
राक्षस झील (Rakshastal) का पानी बहुत ज्यादा खारा है. इतना खारा कि इसके अंदर मछली या कोई दूसरा जानवर सर्वाइव नहीं कर सकता है.