सड़क पर दौड़ते वाहनों में आपको अलग अलग रंग की नंबर प्लेट अक्सर नजर आती होंगी. इन सभी रंगीन नंबर प्लेटों के पीछे एक खास वजह छिपी हुई है.

नंबर प्लेट के हर रंग का अपना-अपना मतलब होता है. दरअसल, ये अलग-अलग नंबर प्लेट उस गाड़ी और उसके मालिक के बारे में जानकारी देती हैं.

नंबर प्लेट के रंग को देखकर ट्रैफिक ऑफिसर समझ जाता है कि वाहन किस कैटेगरी का है, तलब गाड़ी प्राइवेट है, कमर्शियल है.

रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) 8 तरह की नंबर प्लेट जारी करता है. इनमें सफेद, पीला, हरा, लाल, नीला, काला, ऊपर की ओर तीर वाला और भारत के राष्ट्रीय चिह्न वाला लाल रंग का नंबर प्लेट शामिल है.

सफेद प्लेट यह प्लेट आम गाड़ियों में लगती है. आप सफेद रंग की नंबर प्लेट वाली गाड़ी का कमर्शियल यूज नहीं कर सकते. इस प्लेट के ऊपर काले रंग से नंबर लिखे होते हैं.

पीली प्लेट पीली रंग की नंबर प्लेट टैक्सी की होती है. इसके अलावा पीली प्लेट आमतौर पर कमर्शियल यूज वाले ट्रकों या टैक्सी में लगी होती हैं. इस प्लेट के अंदर भी नंबर काले रंग से लिखे होते हैं.

नीली प्लेट नीले रंग की नंबर प्लेट एक ऐसे वाहन को मिलती है, जिसका इस्तेमाल विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है. नीले रंग की इस प्लेट पर सफेद रंग से नंबर लिखे होते हैं.

काली प्लेट आमतौर पर काले रंग की प्लेट वाली गाड़ियां भी कमर्शियल वाहन ही होती हैं, लेकिन ये किसी खास व्यक्ति के लिए होती है. ऐसी गाड़ियां किसी बड़े होटल में खड़ी मिल जाएंगी.

लाल प्लेट अगर किसी गाड़ी में लाल रंग की नंबर प्लेट है तो वह गाड़ी भारत के राष्ट्रपति या फिर किसी राज्य के राज्यपाल की होती है. ये लोग बिना लाइसेंस की ऑफिशियल गाड़ियों का उपयोग करते हैं.

तीर वाली नंबर प्लेट सैन्य वाहनों में ऐसे चिन्ह इस्तेमाल किए जाते हैं. ऐसे वाहनों के नंबर को रक्षा मंत्रालय द्वारा आवंटित किया जाता है. यह नम्बर 11 अंकों का होता है.

हरा नंबर प्लेट सड़क मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक परिवहन वाहनों के लिए हरे रंग की नंबर प्लेट निर्धारित की है. प्लेट का बैकग्राउंड हरा होगा और इस पर वाहन की श्रेणी के हिसाब से पीले अथवा सफेद रंग से नंबर लिखे होते हैं.