इन दिनों कई विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिसके बाद एयरलाइन्स कंपनियां घबरा गई और देश में विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. 

हाल यह है कि इस 'थ्रेट गेम' से इस साल अभी तक 500 से अधिक फ्लाइटों को धमकी मिल चुकी है. जिसका असर तकरीबन दो हजार फ्लाइटों पर पड़ा है. 

ऐसे में चलिए जानते हैं कि किसी विमान को बम से उड़ाने की धमकी मिलने पर क्या होता है और इसके लिए प्रोटोकॉल क्या-क्या है. 

किसी विमान को उड़ान के दौरान धमकी मिलती है तो अलर्ट जारी कर दिया जाता है और तुरंत एयरपोर्ट पर बम थ्रेट असेसमेंट कमिटी (BTAC) की बैठक बुलाई जाती है. 

साथ ही धमकी कितनी सही है ये जांच की जाती है. इसके बाद बीटीएस द्वारा अगली कार्रवाई की जाती है.

अगर धमकी वैध या स्पेसिफिक होती है, तो पायलटों को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से संपर्क करने के बाद अपना अगला कदम उठाने के लिए कहा जाता है. 

फ्लाइट के स्थान के आधार पर पायलटों को डिपार्चर एयरपोर्ट पर लौटने, तय किए गए डेस्टिनेशन की ओर जाने या फ्लाइट को पास के एयरपोर्ट पर डायवर्ट करने का निर्देश दिया जाता है.

अगर बम की धमकी किसी ऐसे विमान को मिलती है, जिसने अभी उड़ान नहीं भरी है, तो विमान को बीटीएसी से सलाह लेने के बाद पूरी तरह से सुरक्षा जांच के लिए एकांत स्थान पर ले जाया जाता है.

वहीं बम की धमकी किसी अंतरराष्ट्रीय विमान को मिलती है, जो पहले से ही भारतीय हवाई क्षेत्र से बाहर है, तो भारतीय एजेंसियों को अंतरराष्ट्रीय एटीसी और सुरक्षा एजेंसियों के साथ कोर्डिनेशन करना पड़ता है. 

इसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाती है. ऐसे मामलों में विमान को आमतौर पर निकटतम हवाई अड्डे पर भेज दिया जाता है.