जानें क्यों होती है गणतंत्र दिवस के 3 दिन बाद बीटिंग रिट्रीट? इस बार बजेगी ये धुन

गणतंत्र दिवस के बाद तीसरे दिन हर साल बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम होता है. 

इस कार्यक्रम में थल सेना, वायुसेना और नौसेना का बैंड ट्रेडिशनल बीट के साथ मार्च करते हैं और राष्ट्रपति को नेशनल सैल्यूट दिया जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल गणतंत्र दिवस के बाद बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी क्यों मनाई जाती है?

इस वर्ष बीटिंग द रिट्रीट समारोह का एक प्रमुख आकर्षण शास्त्रीय रागों से प्रेरित 29 धुनों की भव्य धूमधाम होगी.

इस साल के समारोह में अब तक के सबसे बड़े ड्रोन शो में से एक का भी प्रदर्शन किया जाएगा.

जिसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन रायसीना हिल्स के आसमान को रोशन करेंगे.

बीटिंग रिट्रीट सेना का अपने बैरक में लौटने का प्रतीक भी माना जाता है.

ऐसा माना जाता है, जब शाम के वक्त सेनाएं युद्ध समाप्त करके लौटती थी और युद्ध के मैदान से वापस आने के बाद अपने अस्त्र-शस्त्र उतार कर रखती थी.

इस दौरान झंडे नीचे उतार दिए जाते थे और इसे ही बीटिंग रिट्रीट कहते हैं.

हर देश में उनकी सेना की बीटिंग रिट्रीट की एक धुन होती है. भारत में बीटिंग रिट्रीट की धुन अबाइड विद मी धुन 1950 बजाई जा रही है.