हिंदू धर्म में प्रत्येक शादीशुदा महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है. व्रत और पूजा-पाठ के दौरान कई तरह के नियमों का पालन किया जाता है.
इस त्योहार में चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि चंद्रदेव को जिस चीज से अर्घ्य देना चाहिए, वह है मिट्टी से बना करवा.
मान्यता है कि जब माता सीता, माता द्रौपदी ने करवा चौथ का व्रत रखा था तो उन्होंने चंद्रदेव को अर्घ्य देने के लिए मिट्टी के करवे का ही इस्तेमाल किया था.
ऐसे में जब आप करवाचौथ की पूजा में मिट्टी के करवे का इस्तेमाल करती हैं तो शादीशुदा जीवन में प्यार और खुशियां बढ़ती हैं. सौभाग्य आता है.
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करवा माता का प्रतीक माना जाता है करवा. इसमें कोई भी चीज शुद्ध और पवित्र ही भरी जानी चाहिए. शुद्ध जल के साथ ही आप करवे में दूध, गंगाजल भी डाल सकते हैं.