Jagjit Singh Arora: वो जनरल जिसने करा दिए PAK के दो टुकड़े, हारे AK नियाजी की आंखों से बहने लगे आंसू तो चुप करा
आपने जगजीत सिंह अरोड़ा का नाम सुना है? ये भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल थे, जिन्होंने 71 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी
साल 1971 में हुई भारत-पाकिस्तान की जंग को भला कैसे कोई भूल सकता है...13 दिनों तक ये जंग पूर्वी पाकिस्तान (जिसे अब बांग्लादेश कहते हैं) में लड़ी गई थी
आज जिस बांग्लादेश में लोग आजादी की सांस ले रहे हैं, वहीं पर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा जैसे भारतीय सैन्य अधिकारियों ने जुल्म कर रहे पाकिस्तानियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था
बांग्लादेश को आजादी दिलाने में भारतीय सेना तथा उसके अफसरों का अहम योगदान था...उनमें से एक लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा हमेशा याद किए जाएंगे
लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने पाकिस्तान के जनरल AK नियाजी से सरेंडर कराया था, जिसके साथ पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने हार मानते हुए हथियार डाल दिए थे
लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा का जन्म 13 फरवरी 1916 को भारत की झेलम नदी के पास कल्ले गुज्जरन में हुआ था, अब यहां पाक का कब्जा है
जगजीत सिंह अरोड़ा को साल 1939 में सेकेंड पंजाब रेजिमेंट की पहली बटालियन में कमीशन मिला था..सेना में रहकर उन्होंने कई बार भारत-पाक युद्ध लड़ा
1947 में जब भारत को आजादी मिली तो वह सेना में कैप्टन थे...उसके बाद वर्ष 1962 में उन्होंने भारत-चीन में बतौर ब्रिगेडियर जंग लड़ी
सैन्य अफसर के रूप में साल 1971 जगजीत सिंह के लिए स्वर्णिम समय था, जब उन्हें बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया
पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले ले.ज. जगजीत सिंह अरोड़ा को बाद में परम विशिष्ट सेवा मेडल के साथ पद्म भूषण से भी नवाजा गया
सेना से रिटायर होने के बाद 1986 में उन्हें अकाली दल ने राज्यसभा सांसद बनाया
3 मई 2005 को यानी आज ही के दिन 89 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया