माघ में दिया गया दान का फल कई जन्मों तक मिलता है लेकिन दान में कभी बासी, खराब, कटी-फटी चीजें न दें. इसके साथ ही स्वार्थ की भावना से दान न दें. इसका पुण्य नहीं मिलता.
माघ महीने में तिल की सबसे खास अहमीयत है. मकर संक्रांति के बाद माघ महीने में तिल से जुड़े व्रत-त्योहार जैसे तिल चतुर्थी, षट्तिला एकादशी और तिल द्वादशी व्रत आएंगे.
इन तीनों ही व्रत में तिल से स्नान, तिल का दान और तिल का सेवन करने से अक्षय फल मिलता है. तिल में मौजूद पौष्टिक तत्व पूरे साल शरीर को तंदुरूस्त रखते हैं.