Mahavir Jayanti पर पढ़ें महावीर स्वामी के अनमोल विचार, जीवन में मिलेगी सफलता

जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था.

इस साल ये तिथी 10 अप्रैल को है. इस दिन जैन धर्म के लोग महावीर स्वामी की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं.

भगवान महावीर ने हमेशा समाज को सत्य, अहिंसा, नैतिकता का मार्ग दिखाया है. आज हम आपके लिए उनके कुछ अनमोल विचार लेकर आए हैं, जो आपको प्रेरणा से भर देंगे...

हर जीव स्वतंत्र होता है. वह किसी अन्य पर निर्भर नहीं करता.

आत्मा की सबसे बड़ी भूल यही होती है कि वह अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान नहीं पाती. यह ज्ञान केवल आत्मबोध से ही संभव है.

सच्ची अहिंसा वही है जिसमें शांति और आत्मसंयम का समावेश हो.

बाहरी दुनिया में कोई शत्रु नहीं होता, हमारे भीतर मौजूद क्रोध, लोभ, घृणा, अहंकार और मोह ही असली शत्रु हैं.

खुद पर विजय पाना, लाखों बाहरी शत्रुओं पर जीत हासिल करने से कहीं अधिक मूल्यवान होता है.

ईश्वर कोई बाहरी सत्ता नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति अपने आत्मबल और सही दिशा में किए गए प्रयासों से दिव्यता प्राप्त कर सकता है.

आत्मा इस संसार में अकेली आती है और अकेली ही चली जाती है, न कोई सगा होता है, न कोई सच्चा साथी.

आत्मा अपने आप में पूर्ण है, उसमें ज्ञान, आनंद और शक्ति निहित होती है. असली सुख बाहरी नहीं, भीतर से उपजता है.