इस देश की सरकार ने राजनीतिक दलों और मीडिया पर लगाई पाबंदी! जानें

अफ्रीकी देश माली में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां साल 2020 के बाद से दो बार सैन्य तख्तापलट हो चुका है.

राजनीतिक उठापटक के साथ-साथ देश में आतंकवादी संगठन अलकायदा और इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े आतंकवादियों की गतिविधियां भी तेजी से बढ़ी हैं.

बीते 11 अप्रैल को एक बड़ा कदम उठाते हुए सैन्य सरकार ने देश की मीडिया पर राजनीतिक दलों और संगठनों की गतिविधियों की रिपोर्टिंग करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

यह आदेश टेलीविजन, रेडियो, ऑनलाइन और समाचार पत्रों सहित मीडिया के सभी प्रारूपों पर लागू होगा. इससे पहले 10 अप्रैल को शासन ने अगले आदेश तक सभी राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मीडिया संबंधी आदेश का दायरा क्या होगा. इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है कि क्या पत्रकार अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर खबर दे सकते हैं, जो सीधे तौर पर देश के राजनीतिक हालात से जुड़ी है.

देश में पत्रकारों के संगठन ‘Maison de le Press’ ने कड़े शब्दों में इस आदेश की आलोचना की है. संगठन ने कहा कि वह इस आदेश को खारिज करता है.

संगठन ने पत्रकारों से देश की राजनीति पर खबरें करना जारी रखने का आह्वान करने के साथ उनसे ‘अडिग रहने, एकजुट रहने और नागरिकों के सूचना तक पहुंच के अधिकार की रक्षा के लिए डटे रहने’ का आग्रह किया है.

माली के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी एक बयान में फैसले पर खेद और गहरी चिंता व्यक्त की. इसने सैन्य शासन को चेतावनी दी कि यह निर्णय हानिकारक साबित हो सकता है.

देश के इस नए कदम पर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने वॉशिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खुले समाज के लिए जरूरी है.