सुहागिन महिलाएं भूलकर भी न करें इस देवी की पूजा, भुगतना पड़ सकता है गंभीर परिणामरेशानियां आती हैं? जानें
देवी धूमावती कौन हैं, जिनकी पूजा करने से डरती हैं सुहागिन महिलाएं?
महाविद्या में धूमावती सातवीं देवी हैं. साथ ही इन्हें मां पार्वती का स्वरूप माना जाता है. लेकिन सुहागिन महिलाएं देवी धूमावती की पूजा नहीं करती हैं.
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है.
मान्यता है कि इसी दिन देवी धूमावती की उत्पत्ति हुई थी. देवी धूमावती की पूजा करने से नकारात्मकता दूर होती है और शत्रुओं का नाश होता है.
सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की दीर्घायु के लिए कई व्रत रखती हैं. साथ ही हमेशा सुखी वैवाहिक जीवन की कामना भी करती
हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुहागिन महिलाएं देवी धूमावती की पूजा कभी क्यों नहीं करती हैं?
माता धूमावती मां पार्वती का ही स्वरूप हैं, लेकिन वैधव्य स्वरूप होने के कारण इनकी पूजा सुहागिन महिलाओं के द्वारा नहीं की जाती है.
माना जाता है कि इनका स्वरूप बेहद उग्र है. शास्त्रों के मुताबिक, माता धूमावती की ध्वनि इतनी तीव्र है कि मनुष्य भयभीत हो उठते ह
ैं.
कहा जाता है कि हमेशा भूखी रहने वाली माता धूमावती राक्षसों और दैत्यों का संहार कर उनका भक्षण करती हैं.