गर्मी का मौसम आते ही ठंडे पानी की तलब बढ़ जाती है, लेकिन हर किसी के पास फ्रिज की सुविधा नहीं होती या फिर बहुत से लोग मटके के पानी को सेहत के लिए बेहतर मानते हैं. मटका यानी मिट्टी का घड़ा, स्वाभाविक रूप से पानी को ठंडा रखने की क्षमता रखता है, लेकिन तेज गर्मी में कभी-कभी ये भी ज्यादा देर तक ठंडा नहीं रह पाता.
मटके के बाहर नमक की परत चढ़ाएं मिट्टी के मटके में पहले से ही ठंडक बनाए रखने की क्षमता होती है. अगर इसके बाहरी हिस्से पर हल्का-सा नमक रगड़ा जाए तो इसकी कूलिंग क्षमता और भी बढ़ जाती है. यह तरीका पानी को ज्यादा देर तक ठंडा बनाए रखता है.
नमक वाले पानी में मटका भिगोएं मटके को उपयोग में लाने से पहले कुछ घंटों के लिए नमक मिले पानी में भिगोकर रखें. इससे मटका अच्छी तरह ठंडा हो जाता है और इसका असर पानी पर भी पड़ता है.
नमक और गीली रेत का बेस बनाएं मटके को नमक और गीली रेत की परत पर रखें. यह तरीका प्राकृतिक रूप से वाष्पीकरण को बढ़ाता है जिससे मटका ठंडा रहता है और पानी की तासीर भी ठंडी बनी रहती है.
नमक वाले गीले कपड़े से मटका ढंकें एक कॉटन के कपड़े को नमक मिले पानी में भिगोकर मटके के ऊपर लपेट दें. जैसे-जैसे पानी वाष्पित होगा, मटके की सतह ठंडी होगी और अंदर का पानी भी ठंडा रहेगा.
नमक वाला स्टोरेज एरिया बनाएं अगर आप मटके को किसी विशेष स्थान पर रखते हैं, तो उस जगह पर नमक रखें ताकि वहां की हवा सूखी और ठंडी बनी रहे. इससे मटके के ठंडा रहने की क्षमता में सुधार होता है.