इंटर गवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चेताया है कि वर्ष 2100 तक धरती के औसत तापमान में पूर्व औद्योगिक काल के मुकाबले 2 डिग्री से ज्यादा का इजाफा हो सकता है.
कई स्रोतों के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि टॉयलेट पेपर बनाने के लिए हर दिन लगभग 27,000 पेड़ काटे जाते हैं, यानी हर साल 9.8 मिलियन पेड़.
इससे अब हमें समझ जाना चाहिए कि इतनी बड़ी तादात में अगर पेड़ काटे जाएंगे तो हमें आगे चलकर ऑक्सीजन (Oxygen) मिलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है
आपको बता दें कि प्लास्टिक बैग को डीकंपोज (Decompose) होने में 1000 साल लगते हैं. प्लास्टिक प्रदूषण मनुष्यों, पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है.
हर साल, दुनिया में लगभग 430 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है, यह आंकड़ा 1950 के दशक से लगातार बढ़ रहा है.
प्रतिदिन, प्लास्टिक से भरे 2,000 कचरा ट्रकों के बराबर प्लास्टिक दुनिया के महासागरों, नदियों और झीलों में फेंका जाता है. प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है.