मुलायम ने बचाया था मुख्तार को इस बड़े केस में, इस पुलिस वाले ने खोला राज
बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गया है. गुरुवार रात करीब साढ़े 8 बजे मुख्तार की जेल में तबीयत बिगड़ी थी.
मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में लाया गया था.
तुरंत ही 9 डॉक्टर्स की टीम तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई, लेकिन डॉक्टरों के काफी प्रयास के बाद कार्डियक अरेस्ट से मुख्तार की मौत हो गई.
मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसकी जिंदगी का हिस्सा रहे राजनीति और माफिया के किस्से एक बार फिर सामने आ रहे है.
इनमें एक बेहद अहम किस्सा है, जब मुख्तार अंसारी सेना की चोरी हुई लाइट मशीन गन यानी एलएमजी खरीदना चाहता था.
इस किस्से से सीधे तौर पर जुड़े थे पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह. उन्होंने इस किस्से को एक बार फिर दोहराया.
चोरी की एलएमजी डील वाली घटना का जिक्र करते हुए शैलेंद्र बताते हैं कि, 'जनवरी 2004 की बात है. तब वह वाराणसी में एसटीएफ चीफ थे.
शासन-प्रशासन के अनुमति से फोन सुनने होते थे. इसी दौरान सामने आया कि, मुख्तार अंसारी आर्मी के किसी भगोड़े से लाइट मशीन गन खरीदना चाहता है.
शैलेंद्र ने कहा कि उस वक्त, 'मुलायम सरकार थी, उन्होंने दबाव बनाना शुरू किया कि मुख्तार अंसारी का नाम इसमें से निकालना है, लेकिन मैंने इन्कार किया.
उसके बावजूद मुलायम सिंह यादव ने अंसारी पर पोटा लगाने की मंजूरी नहीं दी. अंत में मुझ पर ही आरोप लगे और मुझे 15 दिन बाद रिजाइन देना पड़ा.