ताजमहल से पहले इस जगह पर दफनाई गई थीं मुमताज, अब ऐसी है यहां की हालत
इतिहास का यह तथ्य बहुत आम है कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था.
ताजमहल का मुख्य गुबंद के नीचे ही मुमताज महल का शव दफन है.
हालांकि यह बहुत कम लोग जानते हैं कि शाहजहां ने अपनी 13वीं पत्नी मुमताज महल के शव को पहले बुरहानपुर के बादशाही किले में दफन किया था जहां की हालत वर्तमान में जर्जर बताई जाती है.
बादशाही किले को फारूकी शासकों ने बनवाया था जिस पर अकबर की सेना ने 1599 में कब्जा कर लिया था और यह खानदेश मुगल की राजधानी बन गई है.
शाहजहाँ विद्रोह को दबाने के लिए बुरहानपुर चले गए, और जैसा कि उनकी परंपरा थी, मुमताज महल, जो अपने चौदहवें बच्चे से गर्भवती थीं, उनके साथ चली गईं.
इसी बारादारी में मुमताज महल को 6 महीने तक ताबूत में रखा गया था उसके बाद उसे आगरा ले जाया गया था.
आहुखाना के भीतर स्थित इस भवन के बारे में कहा जाता है कि यहीं पर उनका अंतिम संस्कार किया गया था.
शाहजहाँ को इस जटिलता की उम्मीद नहीं थी और जब उसकी प्यारी पत्नी परलोक सिधार गई तो वह गमगीन हो गया. मुमताज महल को आहूखाने में दफनाया गया.
एक सप्ताह बाद, शाहजहाँ आहूखाने में आया और अपनी पत्नी की आत्मा की शांति के लिए फ़ातेहा पढ़ा और उसकी कब्र पर रोया. जब तक वह बुरहानपुर में रहा, वह हर शुक्रवार को फ़ातेहा पढ़ने आता था.
स्थानीय लोगों ने बताया कि शाहजहाँ ने शुरू में ताप्ती के तट पर मुमताज महल के लिए एक भव्य मकबरा बनाने का फैसला किया था, लेकिन मरकाना से संगमरमर लाने में कठिनाइयों और मिट्टी की संरचना में दीमक लगने के कारण उन्होंने आगरा को चुना.