तेलंगाना के पालमपेट में स्थित रामप्पा मंदिर लगभग 900 साल पुराना है. यह भगवान शिव का मंदिर है और उसके गर्भगृह में रूद्रावतार शिव विराजमान हैं. 

इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया था. साथ में ही यह रहस्यमय पत्थरों की वजह से भी जाना जाता है. 

कहा जाता है कि इस मंदिर में इस्तेमाल किए गए पत्थर कहीं से लाए नहीं गए बल्कि किसी पुरानी तकनीक के जरिए इंसानों ने ही बनाए थे. 

इसे रूद्रेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा बहुत सारे लोग इसे रामलिंगेश्वर मंदिर भी कहते हैं.

मंदिर में इस्तेमाल पत्थर रहस्यमय हैं. इस मंदिर का वजन ही बहुत कम है. आपको बता दें इस तरह के पत्थऱ कहीं पाए ही नहीं जाते हैं. 

मंदिर की सजावट और मूर्तिकला भी बेहद भव्य है. यह मंदिर एक तारे के आकार के 6 फीट ऊंचे मंच पर बना है.

इस मंदिर की मजबूती का रहस्य आजतक विशेषज्ञ भी नहीं बता पाए हैं. दरअसल मंदिर के एक टुकड़े को जब पानी में डाला गया तो वह तैरता ही रह गया.

12वीं सदी में इस भव्य मंदिर का निर्माण मशहूर रामप्पा ने किया था. मंदिर के निर्माण में 40 साल का समय लग गया था.