हिमाचल के इस गांव में पत्थर बदलते हैं रंग: मिथक या प्राकृतिक घटना, जानें  

हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और साहसिक गतिविधियों के कारण एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है.

हिमालय के ऊंचे पहाड़ों से घिरी यह घाटी कई रहस्यों को भी समेटे हुए है. अब ऐसी खबरें सामने आई हैं कि यहां के गांव में रंग बदलने वाले रहस्यमयी पत्थर पाए गए हैं.

बताया जा रहा है कि लाहौल घाटी के दारचा नामक गांव से 3 किलोमीटर पहले नदी के किनारे इन रहस्यमयी पत्थरों का ढेर देखा जा सकता है.  

ये पत्थर सूरज की रोशनी के साथ रंग बदलते हैं. यहां अक्सर देखा जाता है कि ये पत्थर सुबह के समय लाल और सूरज ढलने के साथ नीले दिखाई देते हैं.

दारचा से गुजरते समय कई लोगों ने इन पत्थरों को कथित तौर पर देखा है. कई लोगों का मानना ​​है कि यहां भूत-प्रेतों का साया है.

लाहौल घाटी में इस जगह के बारे में कई लोक कथाएं प्रचलित हैं. इस गांव में ऐसी परंपरा थी कि किसी भी भोज से पहले सबसे बड़े व्यक्ति का सम्मान किया जाता था. फिर छोटों और बाकी लोगों को भोजन परोसा जाता था.

लोककथा के अनुसार, एक बार ऐसी नहीं हुआ तो सबसे बड़े बुजुर्ग ने क्रोधित होकर पूरे गांव को श्राप दे दिया. उसने कहा था कि उसके अपमान की सजा प्रकृति खुद तय करेगी. ऐसा माना जाता है कि उस दिन पूरा पहाड़ गांव पर टूट पड़ा था.

घटना में गांव की केवल एक महिला जीवित बची थी, जो उस दिन दूसरे गांव चली गई थी. ऐसा माना जाता है कि उसके बाद इस क्षेत्र में मानव बस्ती नहीं बस सकी.

अब यह गांव नदी के दूसरी तरफ बसा हुआ है, लेकिन दूर से देखने पर पत्थरों का यह ढेर अलग दिखता है. सूरज की रोशनी के साथ इसका रंग बदलता हुआ लगता है. हालांकि ये मिथक है या कोई प्राकृतिक घटना, इसकी पुष्टि होनी अभी बाकी है.