क्या आप उल्कापिंड को जानते हैं? वैज्ञानिकों ने बताया है कि 2 उल्कापिंड पृथ्वी की ओर आ रहे हैं
जब कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर ज़मीन से टकराता है तो उसे उल्कापिंड (meteorite) कहते हैं.
उल्कापिंड क्या होता है?
उल्कापिंड (Meteoroid) अंतरिक्ष में छोटा चट्टानी या धातु से बना पिंड होता है.
उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुँचता है उसे उल्कापिंड (meteorite) कहते हैं.
उल्कापिंड अंतरिक्ष में तीव्र गति से घूमता हुआ अत्यंत सूक्ष्म ब्रह्मांडीय कण होता है.
उल्कापिंड को इंग्लिश में एस्टरॉयड (Asteroid) कहते हैं.
NASA के वैज्ञानिकों के मुताबिक, एस्टेरॉयड (उल्कापिंड) धरती के बेहद करीब से गुजरेंगे.
इन उल्कापिंडों का नाम 'एस्टेरॉयड 2023 JB3' और 'एस्टेरॉयड 2023 LD' रखे गए हैं.
स्पेस में सभी एस्टेरॉयड को मॉनिटर करने वाली नासा की 'जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री' के मुताबिक, 'एस्टेरॉयड 2023 JB3' का साइज 160 फीट है.
एस्टेरॉयड करीब आने पर ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आ सकते हैं. ऐसे में डर है कि ये धरती से न टकरा जाएं.
वैसे, पृथ्वी के 75 लाख किलोमीटर के दायरे में आने वाले एस्टेरॉयड ही ग्रह के लिए खतरा माने जाते हैं.
ज्यादातर एस्टेरॉयड बहुत छोटे होते हैं और वे पृथ्वी के वातावरण में आते ही उसके घर्षण से खत्म हो जाते हैं और इनके बारे में हमें पता भी नहीं चल पता है.
कुछ एस्टेरॉयड ऐसे भी होते हैं जिनके गिरने से कई बड़े गड्ढे तक बन जाते हैं. और, लोग मारे जाते
हैं.