अब तक की सबसे बड़ी खोज 30 मई 2024 को नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने गलती से एक चट्टान तोड़ दी जिसमें से शुद्ध सल्फर के क्रिस्टल निकले. धरती पर यह ज्वालामुखी और हाइड्रोथर्मल गतिविधियों के दौरान बनता है
गर्म पानी का झरना मार्च 2007 में स्पिरिट रोवर ने मिट्टी में 90% शुद्ध सिलिका की खोज की. धरती पर सिलिका हॉट स्प्रिंग्स में पाया जाता है, जहां अक्सर सूक्ष्मजीव (Microorganisms) रहते हैं.
खारे पानी का संकेत अपॉर्चुनिटी रोवर को अप्रैल 2004 में छोटे और गोल हेमेटाइट मिनरल मिले, जो आमतौर पर पानी में बनते हैं. प्राचीन मंगल के इस क्षेत्र में अम्लीय पानी मौजूद था, जिससे जीवन के पनपने के लिए परिस्थितियां मुश्किल हो जाती हैं.
गर्म वातावरण में पानी 2005 के आखिर में स्पिरिट रोवर को ऐसी चट्टानें मिलीं, जिनमें बाकी मंगल ग्रह की चट्टानों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा मैग्नीशियम और आयरन कार्बोनेट थे. ये चट्टानें मंगल पर तब बनी थीं जब मंगल गर्म और गीला था.
बहते पानी के निशान अपॉर्चुनिटी रोवर को चट्टानों में जिप्सम की चमकीली पट्टी मिली. यह पट्टी तब बनी होगी जब पानी इन चट्टानों की दरारों से बहता होगा, जिससे उनमें कैल्शियम जमा हो गया.
मंगल का इतिहास धरती की तलछटी चट्टानों और जीवाश्मों के अध्ययन से मंगल पर वैसे ही चट्टानें ढूंढने में मदद मिलती है. मंगल की प्राचीन झीलों और नदियों में जीवन का संकेत देने वाले जीवाश्म मिल सकते हैं.
जीवन के लिए जरूरी चीजें जीवन के लिए पानी की जरूरत होती है. मंगल पर भी अगर कभी कोई जीवन पनपा होगा तो उसे भी पानी की जरूरत रही होगी. नासा के मार्स मिशन अतीत या वर्तमान में तरल पानी वाले क्षेत्रों पर केंद्रित हैं, जिसमें सतह के नीचे या हाइड्रोथर्मल पूल शामिल हैं.