मानवता की सेवा में डॉक्टर रॉय के अभूतपूर्व योगदान को मान्यता देने के लिए सरकार ने उनके जन्मदिन यानी 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर डे यानी राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत की
डॉक्टर रॉय ने विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में बतौर प्रोफेसर काम किया. वह मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी ऑफ बंगाल (आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की गवर्निंग बॉडी) के अध्यक्ष भी थे.
स्वतंत्रता संग्राम में डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गए थे. उन्होंने जो स्वराज और स्वास्थ्य के बीच संबंध बताया, उसे आज भी याद किया जाता है.
1950 को रॉय ने पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. 1962 में उनकी मृत्यु तक वो (1952, 1957 और 1962 में निर्वाचित) बंगाल के मुख्यमंत्री रहे.
एक रचनात्मक नेता और देशभक्त के रूप में उनके महान कद को मान्यता देते हुए सरकार ने उन्हें 1961 में सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया. उनके सम्मान में, पहला राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस 1991 में मनाया गया था.