हाल ही में नेपाल के काठमांडू एयरपोर्ट पर बीते बुधवार को हुई विमान दुर्घटना एक बार फिर टेबल-टॉप रनवे वाले एयरपोर्ट की ओर ध्यान आकर्षित किया है.

नेपाल में त्रिभुवन एयरपोर्ट सहित 7 जगहों पर ऐसे जोखिम भरे टेबलटॉप रनवे है, भारत में इनकी संख्या 5 है जबकि दुनियाभर में ऐसे 32 एयरपोर्ट हैं.

भारत में पांच हवाई अड्डों पर टेबलटॉप रनवे बने हुए हैं उनमें शामिल है- शिमला, कालीकट, मैंगलोर, लेंगपुई (मिजोरम) और पाक्योंग (सिक्किम).

ऐसे में आइए जानते हैं क्या होता है टेबल-टॉप रनवे और उस पर लैंडिंग जोखिम भरी क्यों होती है?

टेबलटॉप रनवे एक ऐसा रनवे होता है, जो आमतौर पर ऊंचाई पर स्थित होते हैं. ये रनवे किसी पठार या पहाड़ी इलाके पर होते हैं.

इन रनवे के एक या दोनों तरफ गहरी खाई होती है. इसका मतलब है कि रनवे के एक या एक से ज़्यादा तरफ़ से ढलान बहुत ज़्यादा है.

टेबलटॉप रनवे पर प्लेन लैंड कराना काफी कठिन होता है, क्योंकि अगर विमान रनवे से आगे निकल जाता है, तो वह सीधे नीचे गिरेगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि टेबलटॉप रनवे पर लैंडिंग इसलिए भी मुश्किल होती है क्योंकि वे पायलटों के लिए सतह और पठार के बीच एक ऑप्टिकल भ्रम पैदा करते हैं.

आपको बता दें इस तरह के रनवे पर उतरने और उड़ान भरने के लिए बहुत अधिक सटीकता और अनुभव की आवश्यकता होती है.