भारत की इस महिला पहलवान को नहीं हरा पाया था कोई भी पुरुष, जानें नाम

भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानो 40 के दशक में भारत में सबसे लोकप्रिय पहलवानों में से एक थी.

एक के बाद एक दंगल लड़ने और जीतने के बाद हमीदा ने साल 1954 ऐलान कर दिया कि जो भी उन्हें दंगल में हरा देगा वो उनसे शादी कर लेंगी.

इस चैलेंज को बड़े-बड़े दिग्गज पहलवानों ने स्वीकार किया, लेकिन हमीदा ने सबको धूल चटा दी.

इस ऐलान के बाद सबसे पहले पंजाब और बंगाल के चैंपियन पहलवान खड़ग सिंह को हमीदा ने शिकस्त दी.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में जन्मी हमीदा बानो की दिलचस्पी बचपन से ही कुश्ती में थी, लेकिन घर में उस तरह का माहौल नहीं था.

इसलिए वह अलीगढ़ आ गईं और सलाम पहलवान से कुश्ती सीखने लगीं. कड़ी ट्रेनिंग के बाद हमीदा दंगल के लिए उतरने लगीं.

देशभर में उन्हें पहचान 1937 में मिली. इसी साल उन्होंने लाहौर के फिरोज खान का चित किया था. इसके बाद हमीदा छोटे मोटे मुकाबले जीतती रही.

1944 में तो गजब हो गया. उस वक्त के दिग्गज पहलवान गूंगा पहलवान से हमीदा का मुकाबला होना था, लेकिन ऐन मौके पर गूंगा पहलवान पीछे हट गए.

इसके बाद छोटे गामा पहलवान भी लड़ने से पीछे हट गए. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमीदा का नाम 1954 में हुआ.

उन्होंने इस साल दिग्गज बाबा पहलवान को हराया. कहते हैं कि इस हार के बाद बाबा पहलवान ने रेसलिंग से संन्यास ले लिया था.