काला या लाल नहीं बल्कि ये था 'Coca Cola' का असली रंग, दिलचस्प है कहानी
कोका कोला कई लोगों की पसंदीदा ड्रिंक होती है. इसकी डिमांड भी ज्यादा रहती है, लेकिन कम ही लोग इसके इतिहास के बारे में जानते हैं.
इसका इतिहास भी काफी दिलचस्प है, तो चलिए जानते हैं कि आखिर कोका कोला का रंग पहले कैसा हुआ करता था.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोका-कोला जो आज हम लाल रंग में जानते हैं, वह पहले हरे रंग का हुआ करता था.
दरअसल कोका-कोला के शुरुआती दिनों में इसे बनाने के लिए कोका की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता था. इन पत्तियों के कारण ही कोका-कोला का रंग हरा होता था.
ऐसे में समय के साथ कोका-कोला के फॉर्मूले में बदलाव किए गए और इसके रंग को भी आकर्षक बनाने के लिए लाल कर दिया गया.
बता दें लाल रंग एक ऐसा रंग है जो ध्यान आकर्षित करता है. इसलिए, कोका-कोला कंपनी ने अपने उत्पाद को अधिक आकर्षक बनाने के लिए लाल रंग का चुनाव किया.
वहीं आजकल कोका-कोला को उसके लाल रंग से ही पहचाना जाता है. यह रंग कंपनी की ब्रांड पहचान का एक अहम हिस्सा बन गया है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि कोका कोला का फॉर्मुला क्या है ये आज भी कंपनी से जुड़े लोग ही जानते हैं. इसके फॉर्मुले को आज भी गुप्त रखा जाता है.
कोका कोला का अविष्कार साल 1886 में हुआ था. वहीं 20वीं सदी की शुरुआत में इसके फॉर्मुले में बदलाव किया गया और इसका रंग लाल कर दिया गया.
कोका-कोला के रंग के बारे में यह तथ्य हमें बताता है कि ब्रांडिंग और मार्केटिंग कैसे समय के साथ बदलती है.
एक ऐसा उत्पाद जो पहले हरे रंग का था, आज दुनिया भर में लाल रंग के लिए जाना जाता है. वहीं माना जाता है कि जब इसका रंग बदला गया तब से इसकी ब्रिकी भी काफी बढ़ी है.