जब भी भारत के बेशकीमती हीरों की बात होती है, कोहिनूर का नाम सबसे पहले आता है.

कोहिनूर, जो मुगलों से होते हुए फारसियों और फिर अंग्रेजों के पास पहुंचा, विश्व प्रसिद्ध है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे बड़ा हीरा कोहिनूर नहीं था?

इससे भी पहले एक और बड़ा हीरा था, जो अचानक गायब हो गया था. इस हीरे का नाम था 'ग्रेट मुगल', जिसे 787 कैरेट के कच्चे पत्थर के रूप में खोजा गया था.

इसे गोलकुंडा की खदानों से निकाला गया था और वेनिस के प्रसिद्ध लैपिडरी (रत्न विशेषज्ञ) 'हार्टेटियो' ने इसे तराशा था.

तराशने के बाद यह हीरा लगभग 280 कैरेट का रह गया और इसे गुलाब के आकार में काटा गया था. उस समय इसे मुगल साम्राज्य का सबसे कीमती और विशाल हीरा माना जाता था.

1739 में, फारसी लुटेरा नादिर शाह ने मुगल बादशाह मोहम्मद शाह का खजाना लूटा और ग्रेट मुगल हीरे को भी अपने साथ ले गया.

यह हीरा नादिर शाह के खजाने में शामिल हो गया, लेकिन 1740 के दशक में नादिर शाह की हत्या के बाद इस हीरे का कोई सुराग नहीं मिला.

Britannica की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा उसी ग्रेट मुगल हीरे से काटा गया था.

हालांकि, ग्रेट मुगल का आज तक कोई ठिकाना नहीं मिला, और यह भारत के इतिहास का एक रहस्यमय अध्याय बनकर रह गया है.