एयरप्लेन क्रैश में अब नहीं जाएगी यात्रियों की जान, जानें कैसे

जब भी कोई एयरप्लेन किसी कारणवश क्रैश होने वाला होता है, तो उसमें बैठे यात्रियों का बच पाना लगभग असंभव माना जाता है.

इसका एक बड़ा कारण यह है कि एयरप्लेन में चाहे बिजनेस क्लास हो या इकोनॉमी क्लास, यात्रियों के लिए पैराशूट उपलब्ध नहीं होते.

इस वजह से अब तक एयरप्लेन दुर्घटनाओं में लाखों लोगों की जान जा चुकी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 1971 से अब तक हवाई दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

लेकिन अब हालात बदलने वाले हैं. रूस की एक इंजीनियरिंग टीम ऐसी तकनीक पर काम कर रही है, जिससे हवाई जहाज दुर्घटनाओं में यात्रियों की जान बचाई जा सकेगी.

इस तकनीक को "डिटैचेबल एयरप्लेन टेक्नोलॉजी" कहा जा रहा है. लेकिन क्या है यह डिटैचेबल एयरप्लेन टेक्नोलॉजी?

इस टेक्नोलॉजी के तहत हवाई जहाज को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में, पायलट एक बटन दबाकर यात्रियों वाले हिस्से को बाकी जहाज से अलग कर सके.

जैसे ही यह हिस्सा मुख्य विमान से अलग होगा, इसमें लगे एडवांस पैराशूट की मदद से यात्रियों वाला केबिन अलग होने के बाद धीरे-धीरे जमीन या पानी पर सुरक्षित उतारा जा सकेगा.