अब ऐसे रुकेगा ऑनलाइन फ्रॉड, आरबीआई तैयार कर रहा 'समझदार सिस्टम'
भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल पेमेंट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म बनाएगा. यह प्लेटफॉर्म ऑनलाइन वित्तीय फ्रॉड रोकने और डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूत बनाने में कारगर साबित होगा.
इस प्लेटफार्म की स्थापना के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक कमेटी बनाई है, जो इसके अलग-अलग पहुलओं को समझकर काम करेगी.
आज केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा की.
डिजिटल पेमेंट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म के बनने के कई फायदे होंगे. इससे सभी सिस्टम पर रियल टाइम डेटा शेयरिंग की सुविधा होगी.
नेटवर्क लेवल इंटेलीजेंस और रियल टाइम डेटा शेयरिंग से डिजिटल फ्रॉड रोकने में बहुत मदद मिलेगी.
भारत में डिजिटल पेमेंट प्रणालियों को सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समयपर फैसले लेता है.
उपयोगकर्ताओं के लिए डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा पर बहुत जोर दिया जा रहा है. इस डिजिटल युग में, आरबीआई ने डिजिटल भुगतान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्राहक सुरक्षा आरबीआई की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
बैंकिंग सिस्टम को लेकर उन्होंने कहा कि बैंकिंग सिस्टम मजबूत और लचीला है, जिसे एसेट क्वालिटी का सपोर्ट प्राप्त है. प्रॉफिटेबिलिटी में वृद्धि देखी गई.
एनबीएफसी ने वित्त वर्ष 2024 में मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया. हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि
पिछले साल आरबीआई द्वारा इस पर चिंता जताए जाने के बाद अनसिक्योर्ड लेंडिंग में लोन और एडवांसेज में कमी आई है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है.
महंगाई को टिकाऊ स्तर यानी चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि इसके साथ एमपीसी सदस्यों ने लक्ष्य के अनुरूप खुदरा महंगाई को लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय को भी कायम रखने का फैसला किया है.