देश की रक्षा के लिए बॉर्डर से लेकर देश के अंदर तक सुरक्षाबल के जवान दिन-रात तैनात रहते हैं. जिसकी वजह से आज हमारा देश सुरक्षित है.

भारतीय सेना ने देश के लिए कई सारे ऑपरेशन किए हैं. वहीं उनकी बहादुरी के किस्से तो पूरी दुनिया में बताई जाती है.

लेकिन आज हम आपको आजादी से पहले अंग्रेजों के समय बनी रेजिमेंट के बारे में बताएंगे, जो अब की सबसे पुरानी रेजिमेंट है. 

मद्रास रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी पैदल सेना रेजिमेंट है, इसकी स्थापना 1750 में हुई थी. जानकारी के मुताबिक इसका गठन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज के तहत किया गया था. 

यह रेजीमेंट 1947-48 के भारत-पाक युद्ध, 1962 के चीनी युद्ध, 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का हिस्सा रहा है.

इसके अलावा यह रेजीमेंट ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन मेघदूत और कांगो-लेबनान-सूडान में कई संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भी शामिल रहा है.

इस रेजीमेंट में वर्तमान में 29 बटालियन है और इसका प्रतीक अस्से हाथी है जो हाथी के सात गुणों साहस, धीरज, बुद्धिमानी, शक्ति, आत्मविश्वास, आज्ञाकारिता और वफादारी को दर्शाता है.

मद्रास रेजिमेंट को अपने शानदार 265 साल के इतिहास में कई युद्ध पुरस्कार मिला है. जानकारी के मुताबित मद्रास रेजिमेंट को 45 युद्ध सम्मान और 14 थिएटर सम्मान मिल चुके हैं. 

उसके वीरता पुरस्कारों मे 1 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र, 11 कीर्ति चक्र, 36 वीर चक्र, 49 शौर्य चक्र और कई अन्य वीरता और विशिष्ट पुरस्कार शामिल हैं. 

इसके अलावा इस रेजीमेंट ने 5 ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया है और इसने 2 अर्जुन पुरस्कार भी हासिल किए हैं.