वहीं अन्य द्विपक्षीय (19.1 प्रतिशत), वाणिज्यिक बैंक और टी-बिल (4.9 प्रतिशत), यूरोबॉन्ड ( 6.3 प्रतिशत), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (5.7 प्रतिशत), बैंक (5.1 प्रतिशत) और निजी क्षेत्र की देनदारियां (12.7 प्रतिशत) हैं.
पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति ऋण 2011 में 823 डॉलर था, जो 2023 में बढ़कर 1,122 डॉलर हो गया है. 12 साल में इसमें 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट इस बात पर भी चिंता जाहिर करती है कि देश का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2011 के 1,295 डॉलर से घटकर 2023 में 1,223 डॉलर हो गया है.
इसमें छह प्रतिशत की कमी आई है. इसका मतलब यह है कि देश का कर्ज उसकी आय की तुलना में बहुत तेज रफ्तार से बढ़ रहा है. इससे और ज्यादा उधार लेने की जरूरत पड़ रही है.
इससे देश की ऋण प्रोफाइल पर खतरे की घंटी बज गई है. देश की सरकारों के उधार लेने और खर्च करने की आदतों को भी रिपोर्ट में अस्थिर कहा गया है.