UN में पाकिस्तान को राम मंदिर का मुद्दा उठाना पड़ा भारी, भारत ने सिखाया सबक
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान ने कश्मीर और राम मंदिर का मुद्दा उठाया तो भारत ने पाक को खरी खरी सुना दी.
भारत ने कहा, मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान को बात करने का कोई अधिकार नहीं है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्य रुचिरा कांबोज ने कहा कि जिसका हर चीज में हमेशा रिकॉर्ड खराब रहा हो, वो ऐसी बातें न करे.
दरअसल, संबोधन के दौरान पाकिस्तान के मुनीर अकरम ने कश्मीर, नागरिकता अधिनियम और राम मंदिर के मुद्दे पर टिप्पणी कर
भारत को घेरने की कोशिश की थी, जिसके बाद रुचिरा कांबोज ने कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं.
रुचिरा ने गुरुवार को अपने भाषण में पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम इस चुनौतीपूर्ण समय में शांति बनाने का प्रयास कर रहे हैं, हमारा ध्यान केवल रचनात्मक बातचीत पर है.
ऐसे में हमने एक खास प्रतिनिधिमंडल की टिप्पणियों को अलग रखने का फैसला किया है,
जिसमें न केवल शिष्टाचार की कमी है, बल्कि उनकी विनाशकारी और हानिकारक प्रकृति से अड़चन आती है.
उन्होंने कहा, हमारा क्या उस देश से यह पूछना बनता है, जो अपने आप में सभी पहलुओं पर सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड रखता है?
उन्होंने कहा, धर्म के आधार पर बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा पर हमें तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
चर्चों, मठों, गुरुद्वारों, मस्जिदों और मंदिरों पर बढ़ते हमलों से हम चिंतित हैं. कांबोज ने कहा, भारत न केवल हिंदू धर्म, बल्कि बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म का जन्मस्थान है,
बल्कि इस्लाम, यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और पारसी धर्म का भी गढ़ है. भारत धार्मिक तौर पर सताए गए लोगों के लिए ऐतिहासिक रूप से शरणस्थली रहा है.