इस समय में उत्तर भारत के लोग सूरज के बढ़ते तापमान से परेशान हैं. दिल्ली समेत कई राज्यों में तापमान 48 के पास पहुंच चुका है.

ऐसे में पंखे की हवा में दिन बिता पाना नामुमकिन के बराबर है. इस स्थिति में जिन लोगों का बजट कम है वो अपने घर में कूलर आराम से लगा सकते हैं.

दरअसल, बाजार में आपको दो तरह के कूलर देखने को मिलते हैं. एक है प्लास्टिक वाला कूलर और दूसरा है लोहे का कूलर. आइए जानते हैं कौन-सा ज्यादा फायदेमंद 

कूलर खरीदते वक्त किन बातों का रखें ध्यान? मार्केट में आपको दो तरह के कूलर देखने को मिल जाएंगे. लेकिन आपको किस कूलर की जरूरत है ये आप अपने कमरे की साइज, बनावट, वेंटिलेशन और आप कूलर कहां रखने वाले हैं इसपर निर्भर करता है. 

कूलर को कमरे के बाहर फिट करें अगर आपके कमरे में वेंटिलेशन है और आप बाहर कूलर रख सकते हैं तो आप लोहे का कूलर ही खरीदें. क्योंकि खिड़की पर प्लास्टिक के कूलर को फिट करने में दिकक्त आ सकती है.

कमरे के स्पेस का ध्यान दें अगर आप बड़े साइज का कूलर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये देखना चाहिए कि आपके कमरे में इसको रखने की जगह है भी या नहीं. 

मेटल कूलर क्यों है ज्यादा बेहतर? कमरे से बाहर कूलर फिट करने के लिए लोगों की पहली पसंद मेटल कूलर ही होते हैं. इसके कूलिंग पैड प्लास्टिक कूलर के मुकाबले ज्यादा बड़े होते हैं. मेटल कूलर की मजबूती भी ज्यादा होती है.

कमरे को करता है ज्यादा ठंडा मेटल की बॉडी होने की वजह से ये जितनी जल्दी गर्म होते हैं उतनी ही जल्दी ठंडे भी हो जाते हैं. अगर आप इसमें ठंडा पानी या फिर पानी के साथ बर्फ डाल देते हैं तो ये कमरे को लंबे समय तक ठंडा ही रखता है.

लुक के हिसाब से कौन सा कूलर है बेस्ट? लुक की बात करें तो प्लास्टिक के कूलर लोगों को जल्दी पसंद आते हैं क्योंकि मार्केट में आपको इसकी कई सारी वैरायटी मिल जाएगी.