'संघ से मुझे जीवन के संस्कार मिले...', Lex Fridman के पॉडकास्ट में बोले PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रसिद्ध अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन (Lex Fridman) की बातचीत का पॉडकास्ट रविवार को जारी हुआ. 

इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने RSS की अपनी यात्रा, इसके मूल्यों और समाज में इसके योगदान पर खुलकर बात की.

लेक्स फ्रीडमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि आठ साल की उम्र में वह RSS से कैसे जुड़े और इस संगठन ने उनके विचारों को किस तरह प्रभावित किया?

इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बचपन के अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि उनके गांव में RSS की एक शाखा थी, जहां देशभक्ति के गीत गाए जाते थे. वे उन गीतों से बहुत प्रभावित हुए और इसी तरह संघ से जुड़ गए.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संघ ने उन्हें सिखाया कि जीवन में जो भी काम करें, वह देश की सेवा के लिए करें. चाहे वह पढ़ाई हो, व्यायाम हो या कोई अन्य गतिविधि, हर कार्य राष्ट्र के उत्थान के लिए होना चाहिए.

उन्होंने बताया कि संघ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण की भावना का प्रतीक है.

उन्होंने बताया कि आरएसएस अब अपनी 100वीं वर्षगांठ के करीब है. यह शायद दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है. करोड़ों लोग संघ जुड़े हुए हैं लेकिन इसे समझना इतना आसान नहीं है.

पीएम मोदी ने कहा कि संघ को सही मायनों में समझने के लिए उसके कार्यों को देखना जरूरी है. संघ लोगों को जीवन का उद्देश्य देता है और सेवा भावना को बढ़ावा देता है. 

उन्होंने बताया कि पिछले 100 वर्षों में RSS ने बिना किसी दिखावे के समाज की भलाई के लिए काम किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मेरा सौभाग्य है कि संघ से मुझे जीवन के संस्कार मिले.”