रामलला के सामने 32 साल पहले PM Modi ने लिया था ये संकल्प

अयोध्या में रामलला  का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है.

केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी के शासन में बने इस भव्य मंदिर के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के योगी आदित्यनाथ और PM मोदी का नाम इतिहास में अमर हो जाएगा.

इस भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ नरेंद्र मोदी का नाम आज ही नहीं बल्कि 32 सालों से जुड़ा हुआ है.

बहुत कम लोगों को पता होगी कि लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बनने के बावजूद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर की आधारशिला रखने से पहले तक नरेंद्र मोदी अयोध्या क्यों नहीं आए.

इसके पीछे उनका एक 32 साल पुराना संकल्प है जो उन्होंने रामलला के दर्शन के दौरान वर्ष 1992 में लिया था.

चलिए हम आपको बताते हैं वह कौन सा संकल्प है जिसने 32 सालों तक नरेंद्र मोदी को रामलाल से दूर रखा.

पीएम मोदी के इस संकल्प का खुलासा राममंदिर केस से जुड़े एक अहम गवाह महेन्द्र त्रिपाठी ने किया है.

त्रिपाठी कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी रामलला के प्रकट उत्सव पर 14 जनवरी 1992 को बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्या आए थे. जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं बने थे.

तब उन्होंने नरेंद्र मोदी की फोटो खींची थी और उनसे पूछा था कि वो अयोध्या दोबारा कब आएंगे.

महेन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक तब मोदी ने बड़े विश्वास से कहा था कि वो जन्मभूमि में राममंदिर बनने पर ही दोबारा अयोध्या आएंगे.