लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत में गोधरा कांड और गुजरात दंगों को लेकर कई अहम बातों का खुलासा किया. प्रधानमंत्री ने गोधरा ट्रेन जलाने की घटना को “अपार Magnitude की त्रासदी” बताया.

मोदी ने गोधरा कांड पर कहा, “27 फरवरी 2002 को हम बजट सत्र के लिए विधानसभा में बैठे हुए थे. 

उसी दिन, जब मैं महज तीन दिन पहले ही राज्यसभा का प्रतिनिधि बना था, अचानक गोधरा कांड की भयावह घटना घटी.

यह एक असहनीय त्रासदी थी. लोग जलकर मर गए. यह निश्चित रूप से सभी के लिए एक भयंकर घटना थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में हुए दंगों के इतिहास पर बात की और 2002 के गुजरात दंगों को सबसे बड़े दंगे बताने वाली धारणा को गलत करार दिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार किया कि गोधरा कांड के बाद कुछ लोग हिंसा की ओर बढ़े थे. 

उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए थे, उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा की गई कोशिशों के बावजूद, न्यायपालिका ने स्थिति की पूरी तरह से जांच करने के बाद उन्हें निर्दोष पाया.

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2002 के बाद से गुजरात में कोई “बड़ा दंगा” नहीं हुआ.

उन्होंने कहा, “गुजरात में जहां पहले हर साल दंगे होते थे, वहीं 2002 के बाद 22 सालों में एक भी बड़ा दंगा नहीं हुआ.

इस घटना में 59 हिंदू श्रद्धालु, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, गोधरा स्टेशन पर ट्रेन में आग लगने से मारे गए थे.