पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं, उनके साथ 71 मंत्री और शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने मोदी को पीएम पद की शपथ दिलाई.

इन 71 मंत्रियों में से 30 से कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले और 36 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है. 

देश के आजाद होने के बाद ऐसा केवल दूसरी बार हुआ है जब किसी एक नेता ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली हो. 

शपथ को लेकर संविधान के आर्टिकल 99 में जिक्र है. चलिए इस मौके पर जानते हैं कि प्रधानमंत्री, राज्य मंत्री और बाकी चुने गए सांसद अपनी शपथ में किन कर्तव्यों का पालन करने की शपथ लेते हैं.

लोकसभा सदन में बैठने से पहले संसद के सदस्यों को राष्ट्रपति या उनकी ओर से इस काम के लिए नियुक्त किए गए व्यक्ति के सामने शपथ लेनी पड़ती है.

संघ के मंत्रियों को दो शपथ लेनी होती है. एक पद के लिए और दूसरी गोपनीयता की. संसद का सदस्य बनने पर केवल एक ही शपथ होती है.

संघ के मंत्री के लिए पद की शपथ मैं,अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा.

मैं संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्त्वयों को श्रद्धापवर्कू और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोग के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा .

संघ के मंत्री के लिए गोपनीयता की शपथ मैं,अमुक, ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि जो विषय संघ के मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा

उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को तब के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्त्वयों के सम्यक् निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.”

लोकसभा के सदस्य द्वारा ली जाने वाली शपथ मैं,अमुक, जो लोक सभा का सदस्य निर्वाचित हुआ हूं ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा.

मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा अथवा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं उसके कर्तव्यों को श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगा.”