पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर यानी PoK में आजाद के लिए जंग शुरू हो चुकी है. इस मांग को लेकर पिछले कई दिनों से जोरदार प्रदर्शन हो रहा है.
PoK के स्थानीय लोगों ने कहा है कि आटे के दाम कम करने के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए लड़ाई शुरू हुई है.
वहीं आतंकवादी संगठन ने एक बयान जारी कर कहा है कि स्थानीय लोग हथियार उठाएं. पाकिस्तानी सेना केवल लोहे की भाषा समझेगी.
बता दें कि पाकिस्तान की आजाद कश्मीर में पाकिस्तानी फौज की तमाम कोशिशें के बावजूद हालात उनके काबू से बाहर होते जा रहे हैं.
पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनाई गई लालफीताशाही रवैया, भुखमरी और फौज द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न को देखते हुए अब आतंकवादी संगठन और स्थानीय लोग एक भाषा बोलने लगे हैं.
बता दें कि इस अशांति को खत्म करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपये आवंटित किया है. इसके बावजूद भी पाकिस्तान के हाथ से PoK निकल रहा है.
शुरुआती दौर में धरना प्रदर्शनों की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने आटा, बिजली और पेट्रोल के दाम कम कर दिए.
पाकिस्तान सरकार को यह उम्मीद थी कि इनके दाम कम होने से प्रदर्शन रुक जाएगा. हालांकि ऐसा हुआ नहीं है.
पाकिस्तानी सरकार को उस समय धक्का लगा लोगों की एक बड़ी जनसभा में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि यह धरना-प्रदर्शन आटा-चावल के दाम कम कराने के लिए बल्कि वहां की पूरी आजादी के लिए शुरू हुए हैं.
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के जोनल अध्यक्ष तौकीर गिलानी ने एक भाषण दिया जिसके बाद और बवाल मच गया.