मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 के अनुसार, वाहन चलाते हुए यदि किसी व्यक्ति के 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम शराब या नशीली दवाओं की मात्रा पाई जाती है तो उसे नशे में वाहन चलाने का दोषी पाया जाता है.
पहली बार अपराध करने पर ड्राइवर को 6 महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है.