पुणे में एक नाबालिग द्वारा Porsche कार से 2 युवा इंजीनियर को कुचलकर मार दिए जाने की घटना लगातार चर्चा में है, इसे लेकर बहस का दौर जारी है. 

कोर्ट ने मात्र 15 घंटों के भीतर आरोपी को मामूली शर्तों के साथ जमानत दे दी, जिसमें निबंध लिखने और पुलिस के साथ काम करने की बात कही गई थी. 

इस दुर्घटना से सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया, तुरंत जमानत मिलने पर भाजपा और विपक्षी नेताओं के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. 

हालांकि, पुलिस ने अपने आदेश की समीक्षा के लिए फिर से किशोर न्याय बोर्ड (JJB)  से संपर्क किया, जिसके बाद 22 मई को नाबालिग की जमानत रद्द कर दी गई. 

आजकल देश में ज्यादातर सड़क हादसे शराब पीकर वाहन चलाने से होते हैं. इसे लेकर आइए जानते हैं कि नशे में वाहन चलाने को लेकर कानून क्या कहता है.

जानें क्या हैं कानून? भारत में हर राज्य में शराब पीने की कानूनी उम्र अलग-अलग है. आमतौर पर ये 18 से 25 साल के बीच है.

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 के अनुसार, वाहन चलाते हुए यदि किसी व्यक्ति के 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम शराब या नशीली दवाओं की मात्रा पाई जाती है तो उसे नशे में वाहन चलाने का दोषी पाया जाता है. 

पहली बार अपराध करने पर ड्राइवर को 6 महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है.

पहली सजा के 3 साल के भीतर के अपराधों के मामले में आरोपी को 2 साल तक की कैद और/या 15,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

अगर नशे में वाहन चलाने से किसी को चोट लगती है तो अपराधी को 2 साल तक की कैद और/या 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है.

अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो अपराधी को जुर्माने के साथ-साथ 2 से 7 साल तक की सजा हो सकती है.

अगर अपराधी नाबालिग है तो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के अनुसार, नाबालिग के अभिभावक या वाहन के मालिक को दोषी माना जाएगा और सजा दी जाएगी.

मालिक या अभिभावक को 3 साल तक की कैद और 25,000 रुपये जुर्माना हो सकता है. वाहन का पंजीयन भी 12 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है.

अगर अपराधी नाबालिग है तो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 199A के अनुसार, नाबालिग के अभिभावक या वाहन के मालिक को दोषी माना जाएगा और सजा दी जाएगी.

मालिक या अभिभावक को 3 साल तक की कैद और 25,000 रुपये जुर्माना हो सकता है. वाहन का पंजीयन भी 12 महीने के लिए रद्द किया जा सकता है.