अक्टूबर 2023 में कतर की अदालत ने आठों नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, दिसंबर में 'कोर्ट ऑफ अपील' ने मौत की सजा पर रोक लगा दी थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में सभी को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था.
कतर की जेल से रिहा हुए आठ पूर्व नौसैनिकों में से सात सोमवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं. स्वदेश लौटने के बाद नौ सैनिकों के परिवार वालों ने खुशी जाहिर की है.
कतर द्वारा रिहा किए गए पूर्व नौसैनिकों में से एक कैप्टन सौरभ वशिष्ठ की पत्नी मनसा वशिष्ठ ने कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मेरे पति को वापस लाने का वादा किया था. मोदी की सरकार ने वादा निभाया है.
उस समय को याद करते हुए सौरभ की पत्नी मनसा वशिष्ठ कहती हैं, 'मेरे लिए उस समय को बयां करना काफी कठिन है. बहुत अनिश्चतता थी.
आगे उन्होंने कहा है कि 'मैं पूरे समय कतर की राजधानी दोहा में रही'. इस दौरान मुझे बहुत कम समय के लिए मेरे पति से मिलने की अनुमति दी गई.
उन्होंने पीएम मोदी का धन्यवाद कहा और ये बोले कि व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण ही आज यह दिन आया है. आज मैं अपने परिवार के साथ अपने घर देहरादून में हूं.
मनसा वशिष्ठ कहा कि हमारे खिलाफ क्या आरोप थे, हमें भी इसकी कोई जानकारी नहीं है. हमारी रिहाई में प्रधानमंत्री मोदी का अहम रोल है. उन्हीं के हस्तक्षेप के कारण हम आज यहां हैं.