आपने पढ़ा कि 'ठकुरानी बहू का बाजार' में क्या है? इसे गुरुदेव Rabindranath Tagore ने क्यों लिखा?
बंगाल के प्रसिद्ध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर, जिन्हें विश्व स्तरीय 'नोबेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था..आज उनकी जयंती है
रवीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को कोलकाता के जोरासांको ठाकुरबाड़ी में हुआ था
रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अनेक कहानियां एवं उपन्यास लिखे..जिनमें 'ठकुरानी बहू का बाजार' भी उनकी प्रसिद्ध कृति है
'ठकुरानी बहू का बाजार' को हिंदी में ठकुराइन बहू का बाजार (Thakurani Bahu Ka Bazar) के नाम से भी पढ़ा है
'ठकुरानी बहू का बाजार' नोवेल का मुख्य किरदार ठकुराइन बहु किस तरह का चरित्र समाज के लिए पेश करती हैं, इस बारे में पढ़ा जा सकता है और उससे सीख ली जा सकती है
दिनभर सिर से पैर तक काम में उलझी हुई ठकुराइन बहु किस तरह से परिवार के साथ ही पड़ोसियों से भी मेल-जोल का निश्चल व्यवहार बनाए रखती है, उसकी कहानी टैगोर ने खूबसूरती से गढ़ी
हम देशवासी राष्ट्रगान गाते हैं— 'जन गण मन...' वो मूलतः बंगाली में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा ही लिखा गया था..इस पूरे गान में 5 पद हैं