राजस्थान अपने ऐतिहासिक किलों और धरोहरों के लिए भी मशहूर है. सही वजह है कि राजस्थान में हर साल लोखों विदेशी सौलानी घुमने के लिए आते हैं. 

ऐसे ही आज हम आपको राजस्थान की राजधानी जयपुर के ऐसे किले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बनवाने में करीब 100 साल लग गए थे. 

हम बात कर रहे हैं आमेर किला की, जो दुनियाभर में काफी मशहूर है. ये किला राजस्थानी स्थापत्यकला और संस्कृति का नमूना है. 

इस किले को अंबर किला भी कहा जाता है, क्योंकि मान्यता है कि इसे देवी दुर्गा के नाम पर रखा गया है. 

आमेर किले के निर्माण की शुरुआत 16वीं शताब्दी के अंत में राजा मान सिंह ने की थी. हालांकि, जो निर्माण अभी है उसे पूरा सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम द्वारा पूरा किया गया था. 

राजा मान सिंह से लेकर सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम तक के शासन काल में इसे पूरा होने में 100 साल का समय लग गया था. 

किले के अंदर के आकर्षक दृश्यों में से एक शीश महल या मिरर पैलेस की दीवारों को कॉनकेव शीशों से उकेरा गया है.

सबसे खास बात यहा है कि इस किले में इन शीशों को इस तरह लगाया है कि अगर यहां एक लाइट भी जलती है, तो पूरा महल जगमगा उठता है. 

जयगढ़ किला आमेर किले में रहने वाले राजा की सेना के लिए बनाया गया एक किला था. आमेर के किले से 2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई थी, ये सुरंग जयगढ़ किले से जुड़ती है. 

इस सुरंग को युद्ध जैसी स्थिति के लिए बनाया गया था, जिससे राजा को यहां से सुरक्षित तरीके से निकाला जा सके.