आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के सभी पशुपालक किसी को भी दूध नहीं बेचते हैं.
राजस्थान के सिरोही जिले में कुसमा गांव है. भगवान राम यह गांव भगवान रामचन्द्रजी मंदिर के नाम से जाना जाता है.
कहते हैं कि कुसमा गांव का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश के वंशजों ने करावाया था. इसके चलते ही इस गांव का नाम कुसमा पड़ा.
गांव की एक खासियत यह है कि यहां के सांखला माली जाति के परिवार आज भी अपने पूर्वजों की परंपरा का पालन करते हुए पशुओं का दूध और छाछ नहीं बेचते हैं.
सांखला माली जाति के लोगों को कहना है कि ये लोग अपने पुरखों के बताए अनुसार दूध बेचना बेटे को बेचने के समान मानते हैं.
गांव में प्रतिदिन लगभग 300 लीटर दूध होता है, जिसका दही जमाकर सुबह छाछ बनाई जाती है, लेकिन इसे बेचा नहीं जाता बल्कि जरूरतमंदों को मुफ्त में दिया जाता है.
घी का उपयोग भी भगवान की पूजा और घर के लिए किया जाता है. यह परंपरा आज भी जारी है और गांव के सभी लोग इसका पालन कर रहे हैं.
राजस्थान के सिरोही जिला के कुसमा मालीपुरा में सांखला माली जाति के 25 से अधिक परिवार रहते हैं, जो पूरी तरह से खेती और पशुपालन करते हैं.