कलाकार केशव जोशी ने आगे यह भी बताया कि यह पेंटिंग पीपल के पत्तों पर की गई है. एक दिन जब पीपल के पत्तों को देख रहा था तो कई पत्ते एकदम खराब और सड़ गए थे.
तब इन पीपल के पत्तों पर घर पर लेकर आए और इन पत्तों को पानी में डालकर रखा जाता है. फिर यह पीपल के पत्ते जालीनुमा यानी नेट की तरह हो जाते है. इसके बाद इन पत्तों पर एक्रेडिक कलर से पेंटिंग की गई है.
केशव जोशी 5 सालों से पीपल के पत्तों पर पेंटिंग बना रहे है. वे बताते है कि उन्होंने किसी भी जगह पर यह ट्रेनिंग नहीं ली है और वे स्वयं ही पेंटिंग कर रहे है.
इन पेंटिंग को बनाने में तीन से चार दिन का समय लगता है. पढ़ाने के साथ-साथ टाइम निकाल कर अपनी इस हॉबी पर भी काम करती हैं और हर दिन पेंटिंग्स में कुछ नया करना चाहती हैं.