क्या ये था दुनिया का सबसे बड़ा नरसंहार? हुई थीं इतनी मौतें

कुतुब मीनार में रवांडा नरसंहार की बरसी पर श्रद्धांजलि दी गई.

कुतुब मीनार पर रवांडा के झंडे के रंग की लाइट जला कर नरसंहार को याद किया गया.

रवांडा में तुत्सी जाति के खिलाफ 1994 के नरसंहार पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय चिंतन दिवस मनाया गया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी कि,

आर्थिक संबंध के सचिव दम्मू रवि ने आज किगाली (रवांडा की राजधानी) में नरसंहार के 30 साल होने पर नरसंहार की बरसी पर भारत का प्रतिनिधित्व किया.

अप्रैल 1994 अफ्रीका के देश रवांडा के लिए भयानक साल साबित हुआ था.

इस साल देश में भयानक नरसंहार हुआ, जिसमें 100 दिन के अंदर 8 लाख लोगों की मौत हो गई थी.

इस साल रवांडा के इस नरसंहार को तीन दशक हो गए है.

दो जाति हुतू और तुत्सी के बीच तनाव के चलते ये नरसंहार सामने आया था.