चंदन के बारे में आपने सुना होगा. आपने यह भी सुना होगा कि चंदन की लकड़ी काफी महंगे दाम पर बिकती है. पूजा, हवन जैसे काम में इसका विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है.
आयुर्वेद में चंदन का काफी महत्व है. चंदन दो तरह के होते हैं, इसमें लाल और सफेद चंदन शामिल हैं. आज के वक्त कई युवा अपनी नौकरी छोड़कर चंदन की खेती कर रहे हैं.
चंदन का उपयोग कई तरह की स्वास्थ्य और त्वचा संबंधी समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है. लाल और सफेद चंदन दोनों की तासीर बेहद ठंडी होती है.
सफेद चंदन सफेद चंदन का वैज्ञानिक नाम सैंटलम एल्बम है. सफेद चंदन को आमतौर पर भारतीय चंदन के रूप में जाना जाता है. वहीं सफेद चंदन के पेड़ों की ऊंचाई 4 मीटर से 10 मीटर तक होती है.
लाल चंदन लाल चंदन का वैज्ञानिक नाम टेरोकार्पस सैंटालिनस है. लाल चंदन को लाल सैंडर्स, लाल सॉन्डर्स, रक्त चंदन और लाल चंदन के रूप में जाना जाता है. इनके पेड़ों की ऊंचाई 5 मीटर से 8 मीटर तक होती है
इसकी लकड़ी अत्यंत कठोर होती है. लाल होने के कारण ये बाजार में अच्छे दामों में बिकती है. वहीं आयुर्वेद में लाल चंदन का उपयोग नेत्र विकारों के इलाज के लिए किया जाता है.
जानें कीमत कीमत की बात करें तो सफेद चंदन की तुलना में लाल चंदन अधिक कीमती होती है. लाल चंदन की लकड़ी की कीमत भारतीय बाजार में 18 से 25 हजार रुपए प्रति किलो होती है.
वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में 38 से 45 हजार रुपए प्रति किलो तक होती है. सफेद चंदन एक किलो लकड़ी की कीमत 5 से 35 हजार रुपए किलो तक होती है. इसका दाम इस बात पर भी निर्भर करता है, पेड़ कितने साल पुराना है.