रोहित वेमुला नहीं था दलित, सर्टिफिकेट उसकी मां ने दिलवाया

रोहित वेमुला की मौत की जांच हैदराबाद पुलिस की ओर से पूरी कर ली गई है. जिसके बाद पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में मामले को लेकर एक क्लोजर रिपोर्ट पेश किया है. 

जिसमें यह साफ हो गया है कि छात्र रोहित वेमुला दलित नहीं था. मामले की जांच में यह बात भी निकलकर सामने आई है कि उसने जाति छुपाने के डर से आत्ममहत्या कर ली थी.

2016 में रोहित वेमुला की आत्महत्या की वजह से देश के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में दलित के खिलाफ भेदभाव को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था. 

पुलिस ने तेलंगाना हाईकोर्ट में यह दावा किया है कि रोहित को अपनी जाति उजागर होने का डर था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या की. पुलिस के मुताबिक, रोहित ने खुद को अनुसूचित जाति से संबंधित नहीं बताया था.

पुलिस की जांच में इस बात का उजाकर हुआ है कि रोहित वेमुला को इस बात का डर सता रहा था कि उसकी जाति की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी क्योंकि वह अनुसूचित जाति से संबंध नहीं रखता था.

पुलिस ने जो रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी है उसमें इस बात का भी जिक्र है कि रोहित को अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट उसकी मां ने दिलवाया था.

पुलिस की रिपोर्ट में साफ-साफ इस बात का जिक्र है कि रोहित वेमुला ने इसी सर्टिफिकेट के जरिए तमाम एकेडमिक सर्टिफिकेट हासिल किए थे.

पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि रोहित को इस बात का भी भय था कि अगर उसकी जाति की सच्चाई सामने आ जाएगी तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रावास में 17 जनवरी 2016 को रोहित वेमुला ने आत्महत्या की थी. जिसके बाद देश के प्रायः विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.